Ganpatichi Aarti in Marathi | Sukh Karta Dukh Harta
सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची |
नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची |
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची |
कंठी झळके माळ मुक्ताफळाची ||
सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची |
नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची |
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची |
कंठी झळके माळ मुक्ताफळाची ||
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
आरती कीजै हनुमानलला की, दुष्टदलन रघुनाथ कला की।
जाके बल से गिरिवर कांपे, रोग दोष जाके निकट न झांपै।
अंजनिपुत्र महा बलदायी, संतन के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाये, लंका जारि सिया सुधि लाये।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
ओउम जय जय जय गिरिराज, स्वामी जय जय जय गिरिराज।
संकट में तुम राखौ, निज भक्तन की लाज ।। ओउम जय ।।
इन्द्रादिक सब सुर मिल तुम्हरौ ध्यान धरैं।
रिषि मुनिजन यश गावें, ते भव सिन्धु तरैं ।। ओउम जय ।।
त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ती दत्त हा जाणा।
त्रिगुणी अवतार त्रैलोक्य राणा ।
नेती नेती शब्द न ये अनुमाना॥
सुरवर मुनिजन योगी समाधी न ये ध्याना ॥
श्री भगवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती।
ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ,ये पंचम वेद निराला, नव ज्योति जलाने वाला।
Aarti Jai Ambe Gauri in Hindi आरती जय अम्बे गौरी जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ ओम जय अम्बे गौरी मांग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को। उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥ ओम जय अम्बे गौरी कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥ ओम … Read more
आरती उतारूँ आदिनाथ भगवान की
माता मरुदेवि पिता नाभिराय लाल की
रोम रोम पुलकित होता देख मूरत आपकी
आरती हो बाबा, आरती हो, प्रभुजी हम सब उतारें थारी