Sharada Chalisa | शारदा चालीसा | Hindi | English

मूर्ति स्वयंभू शारदा, मैहर आन विराज ।
माला, पुस्तक, धारिणी, वीणा कर में साज ॥
जय जय जय शारदा महारानी, आदि शक्ति तुम जग कल्याणी।
रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता, तीन लोक महं तुम विख्याता॥

Narmada Chalisa | नर्मदा चालीसा | Hindi | English

Narmada Chalisa

देवि पूजित, नर्मदा, महिमा बड़ी अपार।
चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार॥
इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान।
तट पर कर जप दान नर, पाते हैं नित ज्ञान ॥

Parvati Chalisa | पार्वती चालीसा | Hindi | English

Parvati Chalisa

जय गिरी तनये दक्षजे शम्भू प्रिये गुणखानि।
गणपति जननी पार्वती अम्बे ! शक्ति ! भवानि॥
ब्रह्मा भेद न तुम्हरे पावे, पंच बदन नित तुमको ध्यावे ।
षड्मुख कहि न सकत यश तेरो, सहसबदन श्रम करत घनेरो ।।

Annapurna Chalisa | अन्नपूर्णा चालीसा | Hindi | English

Annapurna Chalisa

विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय ।
अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय ।
नित्य आनंद करिणी माता, वर अरु अभय भाव प्रख्याता ।
जय ! सौंदर्य सिंधु जग जननी, अखिल पाप हर भव-भय-हरनी ।

Vaishno Devi Chalisa | वैष्णो देवी चालीसा | Hindi | English

Vaishno Devi Chalisa

गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धाम
काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम
नमो: नमो: वैष्णो वरदानी, कलि काल मे शुभ कल्याणी।
मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी, पिंडी रूप में हो अवतारी॥

Mahalaxhmi Chalisa | श्री महालक्ष्मी चालीसा | Hindi | English

Mahalaxhmi Chalisa

जय जय श्री महालक्ष्मी करूँ माता तव ध्यान
सिद्ध काज मम किजिये निज शिशु सेवक जान
नमो महा लक्ष्मी जय माता , तेरो नाम जगत विख्याता
आदि शक्ति हो माता भवानी, पूजत सब नर मुनि ज्ञानी

Kuber Chalisa | कुबेर चालीसा | Hindi | English

Kuber Chalisa

जैसे अटल हिमालय और जैसे अडिग सुमेर ।
ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर ॥
विघ्न हरण मंगल करण, सुनो शरणागत की टेर ।
भक्त हेतु वितरण करो, धन माया के ढ़ेर ॥

Brahma Chalisa | श्री ब्रह्मा चालीसा | Hindi | English

Brahma Chalisa

जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू, चतुरानन सुखमूल।
करहु कृपा निज दास पै, रहहु सदा अनुकूल।
तुम सृजक ब्रह्माण्ड के, अज विधि घाता नाम।
विश्वविधाता कीजिये, जन पै कृपा ललाम।

Sankat Mochan Hanuman Ashtak | संकट मोचक हनुमान अष्टक

Sankat Mochan Hanuman Aashtak

Sankat Mochan Hanuman Ashtak in Hindi ।। संकट मोचक हनुमान अष्टक ।। बाल समय रवि भक्षि लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों । ताहि सो त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो । देवन आनि करी विनती तब, छाड़ि दियो रवि कष्ट निवारो । को नहीं जानत है जग में कपि, … Read more